रांची, 18 अप्रैल . झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के शरीयत वाले बयान पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी हमलावर है. पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक सी.पी. सिंह ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी से कहा कि वे लोग संविधान को नहीं मानते हैं. हसन “मंत्री से पहले मुसलमान” हैं.
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री हफीजुल हसन ने हाल ही में एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि पहले शरीयत फिर संविधान है. उनके इस बयान पर भाजपा हमलावर है.
सी.पी. सिंह ने कहा, “वे लोग (मुसलमान) संविधान को कहां मानते हैं? भारत माता की जय कहां बोलते हैं? उन लोगों को सारी सुख-सुविधाएं भारत में मिलती हैं, लेकिन उनकी सोच सिर्फ और सिर्फ भारत को कैसे ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाया जाए, इस पर रहती है. उन लोगों को जन्म के बाद से ही मदरसों में सिर्फ जिहाद सिखाया जाता है. कुरान के अंदर जिहाद का अर्थ कुछ दूसरा है, लेकिन वे हिंदुओं पर जिहाद करते हैं, हिंदुओं को मारने-काटने का पाठ मदरसों में पढ़ाया जाता है. वहीं, सनातन में वसुधैव कुटुंबकम् और विश्व के कल्याण की बात सिखाई जाती है. लेकिन वे लोग भाईचारे को चारा समझकर खा जाते हैं.”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल उठाए जाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति को निर्देशित करने को गलत ठहराए जाने पर सी.पी. जोशी ने अपना समर्थन जताया. उन्होंने कहा, “हम लोग न्यायपालिका पर विश्वास करते हैं. भारत के संविधान के अनुसार न्यायपालिका भी काम करती है. लेकिन आए दिन यह देखने को मिल रहा है कि न्यायपालिका अपनी सीमाओं को लांघकर राष्ट्रपति और राज्यपाल को निर्देशित कर रही है.”
उन्होंने कहा, “वे (न्यायपालिका) निर्देश को अपने ऊपर लागू क्यों नहीं करते? उनके पास वर्षों तक मामले लंबित रहते हैं. ऐसे में उनके लिए कोई समय-सीमा क्यों नहीं है? मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि महामहिम राज्यपाल किसी फाइल को तीन महीने से ज्यादा नहीं रोक सकते, राष्ट्रपति भी नहीं रोक सकते. जब यह नियम सबके लिए लागू होता है तो फिर अदालत के लिए क्यों नहीं लागू होता? मैं जगदीप धनखड़ की बात का समर्थन करता हूं.”
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एससीएच/एकेजे
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