दिसपुर, 29 अक्टूबर . असम के Chief Minister हिमंत बिस्वा सरमा ने असम कैबिनेट की बैठक के प्रमुख निर्णयों की घोषणा की. ये निर्णय असम की सांस्कृतिक विरासत, बाढ़ प्रबंधन, भूमि अधिकारों और ग्रामीण सुरक्षा को मजबूत करने पर केंद्रित हैं.
असम के Chief Minister हिमंता बिस्वा सरमा ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा, “असम कैबिनेट की बैठक में, हमने संकल्प लिया, जिसमें रास समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, बाढ़ से निपटने के लिए बजट स्वीकृत करना, लचित मोइदम स्मारक के लिए अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत करना, मोरन और मटक समुदायों को भूमि का आवंटन करना और ग्राम रक्षा संगठनों को मजबूत करना शामिल है.”
मंत्रिमंडल ने असम की पारंपरिक रास उत्सवों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया. राज्य भर की 2,068 रास समितियों को प्रति समिति 25,000 रुपए और माजुली की 67 रास समितियों को 50,000 रुपए की वित्तीय सहायता मंजूर की गई. यह निर्णय असम की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने का प्रयास है. Chief Minister ने कहा कि रास महोत्सव असम की लोक आस्था का प्रतीक है, और इसका समर्थन राज्य Government की प्राथमिकता रहेगा.
अहोम योद्धा लचित बरफुकन की स्मृति में जोरहाट में लचित मोइदम स्मारक एवं सांस्कृतिक परिसर के निर्माण के लिए 249 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान को मंजूरी दी गई. यह परियोजना असम के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करेगी और पर्यटन को बढ़ावा देगी. सरमा ने इसे ‘हमारी विरासत को मजबूत करने’ का हिस्सा बताया.
मिशन बसुंधरा 2.0 के सफल मॉडल पर चलते हुए, मंत्रिमंडल ने असम भूमि नीति, 2019 में संशोधन को मंजूरी दी. इससे मोरन और मटक आदिवासी समुदायों को 50 बीघा तक की वंशानुगत भूमि का निपटान सुनिश्चित होगा. इसके अलावा, मिशन बसुंधरा 3.0 के तहत डिब्रूगढ़ और कामरूप (महाराजा) जिलों में 8 चाय अनुदान एवं चाय आवधिक भूमि को एकमुश्त पट्टे में परिवर्तित किया जाएगा. कामरूप में 28 अधिभोगी काश्तकारों को शहरी भूमि पर स्वामित्व अधिकार भी दिए गए. यह कदम आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और भूमि विवादों को कम करने में सहायक होगा.
असम की पुरानी समस्या बाढ़ से निपटने के लिए मंत्रिमंडल ने जलवायु अनुकूल ब्रह्मपुत्र एकीकृत बाढ़ एवं नदी तट कटाव जोखिम प्रबंधन परियोजना (द्वितीय चरण) के लिए 2,205.75 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तपोषण मंजूर किया. यह फंड 76 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा, जिसमें 13 जिलों में कटाव-रोधी कार्य, 33 किलोमीटर तटबंध निर्माण और 17.72 किलोमीटर गाद-निवारण शामिल हैं. Chief Minister ने इसे ‘बाढ़-प्रतिरोधी असम’ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया.
कैबिनेट ने उर्वरक वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मंजूर की और जिम्मेदारी असम राज्य कृषि विपणन बोर्ड को सौंपी. इससे किसानों को समय पर और सटीक मात्रा में उर्वरक मिलेंगे. Police सुधार के तहत असम Police (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दी गई, जिसमें राज्य स्तरीय Police जवाबदेही आयोग और जिला प्राधिकरण में बदलाव शामिल हैं. ग्रामीण सुरक्षा के लिए असम ग्राम रक्षा संगठन नियम, 1986 में संशोधन कर संगठनों का पुनर्गठन किया जाएगा.
सीएम सरमा ने कहा कि ये निर्णय असम के विकास, संस्कृति संरक्षण और जनकल्याण पर केंद्रित हैं. विपक्ष ने निर्णयों का स्वागत किया, लेकिन भूमि संशोधन पर और स्पष्टता की मांग की.
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एससीएच/डीकेपी
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