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केवल पढ़ाई-लिखाई तक सीमित न रहकर जीवन और राष्ट्र निर्माण की धुरी बने शिक्षा : मदन दिलावर

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jaipur, 23 अगस्त . राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की पहल पर कुंभलगढ़ में आयोजित दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का समापन Saturday को हुआ. इस दौरान दिलावर ने शिक्षा के महत्व के बारे में बताया. शिविर के दूसरे दिन भी देशभर से आए शिक्षाविद, विशेषज्ञ और शिक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल हुए और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए सारगर्भित सुझाव प्रस्तुत किए.

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा, “शिक्षा केवल पढ़ाई-लिखाई तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण की धुरी बने. रोजगारपरक परक शिक्षा, कौशल आधारित शिक्षा और नैतिक मूल्यों से युक्त शिक्षा ही विद्यार्थियों को मजबूत इंसान और बेहतर नागरिक बनाएगी. राजस्थान शिक्षा के क्षेत्र में देश को दिशा देने की क्षमता रखता है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन और भारतीय ज्ञान परंपरा को हर विद्यार्थी तक पहुंचाने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठा रही है.”

दूसरे दिन हुए सत्रों में शिक्षा विशेषज्ञों ने डिजिटल शिक्षा और तकनीकी उपयोग, शिक्षकों के प्रशिक्षण, तनाव प्रबंधन, बाल मनोविज्ञान, बालिकाओं की शिक्षा, पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधार, संस्कार युक्त शिक्षा, समाज-विद्यालय समन्वय, अभिभावकों की भूमिका जैसे विषयों पर गहन मंथन किया. इस दौरान मंत्री ने कहा, “दो दिवसीय चिंतन शिविर से जो सुझाव और विचार सामने आए हैं, उन्हें नीति और योजनाओं में समाहित किया जाएगा ताकि सम्पूर्ण शिक्षा तंत्र लाभान्वित हो सके.”

विशिष्ट शासन सचिव आईएएस विश्व मोहन शर्मा ने कहा, “दो दिनों तक चला यह चिंतन शिविर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित होगा. शिविर में प्रस्तुत सुझावों के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार होगी.”

माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक सीताराम जाट ने कहा, “राजस्थान ने शिक्षा में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. अब लक्ष्य यह है कि प्रत्येक विद्यालय न केवल पठन-पाठन का केंद्र बने बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व और मूल्य आधारित शिक्षा का केंद्र भी बने.”

बता दें कि इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों, आरएससीईआरटी, एनसीईआरटी, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और विद्यालयी शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने भी अपने विचार रखे और व्यावहारिक सुझाव दिए. शिविर में बड़ी संख्या में शिक्षाविद, विशेषज्ञ, अधिकारी एवं शिक्षा से जुड़े लोग शामिल हुए और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर ठोस रूप से चर्चा की.

शिक्षा मंत्री ने समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि शिविर से प्राप्त ज्ञान और सुझाव भविष्य की शिक्षा नीति के लिए अमृत समान होंगे.

एससीएच/एएस

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