Maharashtra Goverment: महाराष्ट्र सरकार में पिछले कुछ समय से उथलपुथल देखी जा रही है. बीते एक महीने से यहां की महायुति सरकार लगातार विवादों में घिरी है. वहीं शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कुछ मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है. विपक्षी दलों का आरोप है कि फडणवीस अपने सहयोगी दलों के दबाव में हैं और भ्रष्ट मंत्रियों पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं.
मंत्रियों पर लगे आरोप
बीते दिनों फडणवीस के कई मंत्री विवादों में घिरे हैं. शिवसेना के संजय शिरसाट को एक वायरल वीडियो में उनके बेडरूम में कथित तौर पर नकदी से भरा बैग दिखा, हालांकि इसको लेकर उन्होंने सफाई दी थी कि उनके बैग में कपड़े थे. उसके बाद शिवसेना के गृह राज्य मंत्री योगेशस कदम पर मुंबई में अवैध रेत खनन और डांस बार संचालन के आरोप लगे. इसको लेकर उन्होंने सफाई दी कि बार की मालिक उनकी मां हैं. संजय राठौड़ और दादा भुसे पर विभागीय नियुक्तियों और तबादलों में अनियमितताओं के आरोप लगे. इसके अलावा माणिकराव कोकाटे पर विधानसभा में ऑनलाइन गेम खेलने और किसानों पर असंवेदनशील टिप्पणी करने का आरोप लगा, जिसके बाद उनसे कृषि विभाग छीन ले गया, लेकिन अजित पवार के कहने पर उन्हें खेल विभाग का प्रभाग सौंप दिया गया.
फडणवीस पर विपक्ष का निशाना
इन घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री फडणवीस ने 29 जुलाई 2025 को कैबिनेट बैठक बुलाई और सभी विवादित मंत्रियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले बयान और गतिविधियों से बचें. उन्होंने कहा कि सरकार इन गंभीर मामलों पर मूकदर्शक नहीं बनी रहेगी. वहीं अब घटनाओं को लेकर शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वे भ्रष्ट मंत्रियों को बचा रहे हैं. उन्होंने कहा,’ फडणवीस को कार्रवाई करनी चाहिए. अगर मंत्री निर्दोष साबित होते हैं तो उन्हें वापस लिया जा सकता है.’ उद्धव ठाकरे ने राज्य में भ्रष्टाचार पर चर्चा अभियान चलाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा,’ 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी ने चाय पर चर्चा की थी. अब हम सभी विपक्षी दलों को भ्रष्टाचार पर चर्चा करनी चाहिए. ठाकरे ने विवादों से घिरे मंत्रियों को लेकर कहा कि फडणवीस उनपर कार्रवाई करने से क्यों हिचकिचा रहे हैं. उन्होंने कहा,’ सभी संदिग्धों से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए. आप जांच करवाएं. अगर वे बेदाग साबित होते हैं तो वे वापस आ सकते हैं.’ इसके अलावा संजय राउत ने कहा कि उन्हें अपने सहयोगियों की हरकतों के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा,’ वे कब तक अपनी छवि को धूमिल होते देखते रहेंगे? फडणवीस असहाय होने का पर्याय बन गए हैं.’
सरकार में खटपट?
सूत्रों के मुताबिक फडणवीस स्थानीय निकाय चुनावों के बाद मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और दिसंबर में सरकार के एक साल पूरे होने पर कमजोर प्रदर्शन करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा और पीएम मोदी समेत गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने अटकलें तेज कर दी हैं कि भाजपा नेतृत्व पर सहयोगी दलों का दबाव है.
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