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पंजाब में भ्रष्टाचार पर मान सरकार का सख्त एक्शन, AAP विधायक रमन अरोड़ा गिरफ्तार, CM बोले- कोई बख्शा नहीं जाएगा..

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Raman Arora Arrested: पंजाब के जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक रमन अरोड़ा को 23 मई 2025 को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी जालंधर में उनके अशोक नगर स्थित आवास पर सुबह शुरू हुई छापेमारी के बाद हुई. इस कार्रवाई ने पंजाब की सियासत में हड़कंप मचा दिया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ शब्दों में कहा भ्रष्टाचार करने वाला चाहे अपना हो या पराया, उसे बख्शा नहीं जाएगा. यह मामला AAP की अपनी ही पार्टी के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की मिसाल बन गया है.

क्या है रमन अरोड़ा मामला?

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की जांच में खुलासा हुआ कि रमन अरोड़ा ने जालंधर नगर निगम के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर एक सुनियोजित भ्रष्टाचार का जाल बिछाया था. सूत्रों के अनुसार अरोड़ा ने फर्जी नोटिस जारी करवाए, जिनके जरिए आम लोगों और स्थानीय व्यापारियों से अवैध रूप से पैसे वसूले गए. ये नोटिस जालंधर नगर निगम की ओर से जारी किए गए थे और इनका उद्देश्य लोगों को डराकर उनसे रिश्वत वसूलना था.

विशेष रूप से यह मामला नगर निगम के पूर्व सहायक नगर योजनाकार (ATP) सुखदेव वशिष्ठ की गिरफ्तारी से जुड़ा है. जिन्हें 14 मई 2025 को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था. वशिष्ठ ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह अरोड़ा के इशारे पर काम कर रहे थे. विजिलेंस के एक अधिकारी ने बताया वशिष्ठ ने स्वीकार किया कि वह अप्रैल 2022 से मार्च 2025 तक 350 नोटिस जारी कर चुके थे. जिनमें से कई फर्जी थे. इन नोटिसों के जरिए भवन निर्माण से जुड़े मामलों में मंजूरी के लिए रिश्वत मांगी जाती थी और मना करने पर इमारतों को सील करने की धमकी दी जाती थी.

विजिलेंस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

23 मई 2025 को सुबह 8:45 बजे विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने रमन अरोड़ा के अशोक नगर स्थित आवास पर छापेमारी शुरू की. तलाशी के दौरान एक नोट गिनने की मशीन लाई गई जिससे संकेत मिलता है कि बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की संभावना थी. लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया. AAP प्रवक्ता नील गर्ग ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा भगवंत मान सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. कानून सबके लिए बराबर है चाहे वह AAP का अपना विधायक ही क्यों न हो.
विजिलेंस ने छापेमारी के दौरान एक प्रिंटर और अन्य सबूत भी बरामद किए जो कथित तौर पर फर्जी नोटिस तैयार करने में इस्तेमाल हुए. इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है.

भगवंत मान का सख्त रुख

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस गिरफ्तारी को अपनी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताया. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा हमारी नीति साफ है. भ्रष्टाचार करने वाला कोई भी हो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. AAP ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर भी लिखा मान सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा एक्शन. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है चाहे वह AAP का ही क्यों न हो. रमन अरोड़ा के खिलाफ फर्जी नोटिस, उगाही और डिजिटल घोटालों के लिए विजिलेंस ने कार्रवाई की.
यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह AAP की अपनी ही पार्टी के खिलाफ सख्ती को दर्शाती है. इससे पहले भी AAP के मंत्रियों और विधायकों, जैसे विजय सिंगला और अमित रतन कोटफट्टा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई हो चुकी है.

रमन अरोड़ा का पक्ष और विवाद

रमन अरोड़ा ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इन आरोपों से इनकार किया था. उन्होंने दावा किया कि उनकी सुखदेव वशिष्ठ से कोई सीधा संबंध नहीं था. हालांकि विजिलेंस की जांच में उनके और वशिष्ठ के बीच गहरे संबंधों का खुलासा हुआ. इसके अलावा अरोड़ा की 14 सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा को 13 मई 2025 को अचानक हटा लिया गया था. जिसके बाद से उनकी गिरफ्तारी की अटकलें तेज हो गई थीं. अरोड़ा ने तब कहा था मैं AAP का कार्यकर्ता हूं. अगर सरकार ने मेरी सुरक्षा हटाई है तो मैं इसे स्वीकार करता हूं.

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