साइबर सुरक्षा के मद्देनजर विकसित किए गए स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस और बिग डेटा एनाटेलिक्स टूल एस्टर (एएसटीआर) धोखेबाजों के खिलाफ हथियार साबित हो रहा है. एस्टर एआई के पुनर्सत्यापन में विफल रहने वाले 82 लाख से ज्यादा ऐसे मोबाइल कनेक्शन को टेलीकॉम विभाग ने काट दिया हैं जो एक ही आदमी के कई नामों पर लिए गए थे. यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी है.
कैसे फर्जी सिम पर स्ट्राइक करेगा ये स्वदेशी AIउच्च सदन को दिए गए जवाब में मंत्री चंद्रशेखर के मुताबिक साइबर अपराध से संबंधित मामले गृह मंत्रालय के अधीन हैं. दूरसंचार विभाग साइबर धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रयासरत है. गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की है. ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र एक स्थान से मुहैया हो.
गृह मंत्रालय ने जनता को सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल- NCRP (https://cybercrime.gov.in) भी लॉन्च किया है. 2022, 2023 और 2024 के लिए एनसीआरपी पर दर्ज शिकायतों की संख्या क्रमशः 10.29 लाख, 15.96 लाख और 22.68 लाख है.
उन्होंने जवाब में स्पष्ट किया है कि दूरसंचार विभाग ने एक ही व्यक्ति द्वारा अलग-अलग नामों से लिए गए मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करने के लिए एक स्वदेशी एआई और बिग डेटा एनालिटिक टूल एस्टर विकसित किया है. इसके पुनर्सत्यापन में विफल रहने पर ASTR के माध्यम से 82 लाख से ज़्यादा ऐसे कनेक्शन काट दिए हैं. यही नहीं दूरसंचार विभाग ने ग्राहकों को मोबाइल कनेक्शन जारी करने के लिए एक मज़बूत “अपने ग्राहक को जानो” (KYC) ढांचा तैयार किया है.
कैसे जारी होते हैं फर्जी सिम कार्डदूरसंचार विभाग ने दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनके अनुसार दूरसंचार लाइसेंसधारियों को अपने पॉइंट ऑफ़ सेल (PoS) को पंजीकरण करना अनिवार्य है, जो ग्राहकों का नामांकन करते हैं और लाइसेंसधारियों की ओर से सिम जारी करते हैं. इसके लिए उन्हें बायोमेट्रिक सत्यापन, व्यवसाय के स्थान के पते और PoS के स्थानीय निवास का भौतिक सत्यापन करना होगा. दिशानिर्देशों में सिम कार्डों की ऑनलाइन आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, उल्लंघन के लिए दंडात्मक कार्रवाई, जिसमें अनुबंध की समाप्ति और सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) में PoS को ब्लैकलिस्ट करना शामिल है, इसके प्रावधान भी हैं.
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