नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक बाजार में पहली Made In India सेमीकंडक्टर चिप आ जाएगी. यह घोषणा भारत के उस व्यापक विजन का हिस्सा है जिसमें देश को न केवल सेमीकंडक्टर बल्कि अंतरिक्ष, 5G-6G और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में भी वैश्विक नेता बनाना शामिल है.
क्यों अहम है मेड इन इंडिया चिप
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारें वोट बैंक की राजनीति में उलझीं और तकनीकी अवसरों को खोती रहीं. ‘2014 के बाद भारत ने निश्चय किया कि अब कोई भी बस मिस नहीं होगी, बल्कि हम खुद गाड़ी ड्राइव करेंगे.’ सेमीकंडक्टर उसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
भारत में 50-60 साल पहले चिप निर्माण शुरू हो सकता था, लेकिन तब उसे नजरअंदाज किया गया. अब मोदी सरकार ने सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए 65,000 करोड़ रुपये का कोष बनाया, जिसमें से 62,900 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित हो चुके हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव एस कृष्णन ने बताया कि अब केवल छोटी परियोजनाओं के लिए कुछ राशि बची है. 76,000 करोड़ रुपये के भारत सेमीकंडक्टर मिशन में चिप प्रोडक्शन के साथ मोहाली में लैब मॉडर्नाइजेशन और डिजाइन इनोवेशन भी शामिल है.
भारत की अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी की छलांग
पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि आने वाले वर्षों में वैश्विक ग्रोथ में भारत का योगदान 20 प्रतिशत तक होगा. आज भारत का राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है, बैंकों की स्थिति मजबूत है, महंगाई नियंत्रण में है और विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत स्पेस और टेक मिशनों में पिछड़ा हुआ था. ‘1979 से 2014 तक केवल 42 स्पेस मिशन हुए, लेकिन पिछले 11 सालों में 60 से ज्यादा पूरे हो गए.’
गगनयान से लेकर चांद पर कदम रखने का सपना
मोदी ने बताया कि इस साल के अंत तक गगनयान-1 का अनक्रूड मिशन लॉन्च होगा जिसमें रोबोट व्योममित्रा को भेजा जाएगा. 2027 में भारत का पहला मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा. इसके बाद 2028 में चंद्रयान-4, 2035 तक भारत का अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की चांद पर लैंडिंग का लक्ष्य तय है.
5G से 6G और EV एक्सपोर्ट तक
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने अपना पूरा 5G स्टैक खुद विकसित किया और रिकॉर्ड समय में देशभर में लागू किया. अब 6G तकनीक पर तेजी से काम हो रहा है. भारत अब 100 देशों को इलेक्ट्रिक वाहन एक्सपोर्ट करने जा रहा है. वहीं, पिछले वर्ष 4 लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद निर्यात और 400 करोड़ वैक्सीन खुराक उत्पादन भारत की आत्मनिर्भरता का सबूत हैं.
रिसर्च और प्राइवेट सेक्टर की भूमिका
मोदी ने कहा कि भारत रिसर्च पर भी जोर दे रहा है. 50 हजार करोड़ रुपये की नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और 1 लाख करोड़ रुपये की रिसर्च डेवलपमेंट फंड स्कीम इसके उदाहरण हैं. आज देश में 300 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप काम कर रहे हैं, जबकि 2014 में केवल एक था. सरकार ने इस साल के बजट में अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड भी बनाया है.
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