विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन है। यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जिसका सेवन भोजन या सप्लीमेंट के माध्यम से करना आवश्यक है। यह हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे कोलेजन का निर्माण, फ्री रेडिकल्स का नाश, इम्यून सिस्टम को मजबूत करना और आयरन का अवशोषण करना।
18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को प्रतिदिन 90 मिलीग्राम विटामिन सी का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए यह मात्रा 85 मिलीग्राम और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए 120 मिलीग्राम है। विटामिन सी की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, और कुछ अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं कि विटामिन सी की कमी से कौन-कौन से अंग प्रभावित हो सकते हैं।
दिल: विटामिन सी की कमी का दिल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक विटामिन सी की कमी रहने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, एथेरोस्क्लेरोसिस और स्ट्रोक जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
लिवर: विटामिन सी की कमी से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे लिवर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप लिवर से संबंधित कई बीमारियां विकसित हो सकती हैं।
नर्वस सिस्टम: विटामिन सी की कमी से नर्वस सिस्टम की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि नर्वस सिस्टम की कार्यक्षमता पर विटामिन सी की कमी का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
थायराइड: जब विटामिन सी की कमी होती है, तो थायराइड ग्रंथि से हार्मोन का अधिक स्राव होता है, जिसे हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। इसके कारण वजन कम होना, दिल की धड़कन में परिवर्तन और महिलाओं में पीरियड्स से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
पैंक्रियाज: विटामिन सी की कमी पैंक्रियाज को भी प्रभावित करती है। इस स्थिति में फ्री रेडिकल्स की संख्या बढ़ जाती है, जिससे पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचता है। यदि आप पैंक्रियाज से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो विटामिन सी के स्तर का ध्यान रखना आवश्यक है।
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