उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और अन्य जिलों में 6 और 7 सितंबर को PET परीक्षा का आयोजन किया गया। 7 सितंबर को गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र के एवरग्रीन पब्लिक स्कूल में एक व्यक्ति को पकड़ा गया, जो अपने भाई की जगह परीक्षा दे रहा था। यह तब सामने आया जब स्कूल के प्रिंसिपल को संदेह हुआ और उन्होंने परीक्षा देने वाले का आई स्कैन कराया।
गाजीपुर में PET परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए हर परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा के कई स्तर लागू किए गए थे, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार का सामान ले जाने की अनुमति नहीं थी। इसी दौरान, 7 सितंबर की सुबह की पाली में एक परीक्षार्थी को अपने भाई के स्थान पर परीक्षा देते हुए पाया गया।
कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई
मूल परीक्षार्थी दृष्टिहीन था, जो उसके प्रवेश पत्र पर भी लिखा हुआ था। जब दृष्टिहीन परीक्षार्थी के स्थान पर उसका भाई परीक्षा देने आया, तो कक्षा में निगरानी कर रहे शिक्षक को संदेह हुआ। उन्होंने प्रिंसिपल को सूचित किया, जिन्होंने जांच की और मामला सही पाया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कोतवाली पुलिस को सूचित किया।
हालांकि, परीक्षार्थी को परीक्षा पूरी करने की अनुमति दी गई। परीक्षा समाप्त होने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। उसने स्वीकार किया कि वह अपने भाई के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। अपर जिला अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के एवरग्रीन पब्लिक स्कूल से सूचना मिली थी कि एक परीक्षार्थी किसी और के स्थान पर परीक्षा दे रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
दिनेश कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह अपने छोटे भाई संदीप कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था और उसका नाम सौरभ है। वह दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के कोठिया गांव का निवासी है। इस मामले में प्रिंसिपल की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि PET परीक्षा में कुल 33,120 अभ्यर्थियों को शामिल होना था, लेकिन केवल 25,815 अभ्यर्थी ही परीक्षा में उपस्थित हुए। परीक्षा में 77.4 प्रतिशत परीक्षार्थी उपस्थित रहे, जिनकी परीक्षा पुलिस और प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई।