यह सच है कि हम सभी कभी न कभी अस्पताल गए हैं और डॉक्टरों से मिले हैं। आपने देखा होगा कि सामान्यतः डॉक्टर सफेद कोट पहनते हैं, लेकिन जब ऑपरेशन का समय आता है, तो वे हरे रंग का पहनावा चुनते हैं। बहुत से लोग इस बदलाव के पीछे की वजह नहीं जानते। आज हम आपको इस विषय में जानकारी देंगे।
ऑपरेशन के दौरान हरे लिबास का महत्व
पहले डॉक्टर ऑपरेशन के समय सफेद कपड़े पहनते थे, लेकिन बीसवीं सदी की शुरुआत में उन्होंने हरे रंग का पहनावा अपनाना शुरू किया। इसका मुख्य कारण यह था कि हरा रंग आंखों को आराम देता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि हरा रंग मानसिक शांति प्रदान करता है।
कई बार डॉक्टरों को लंबे समय तक ऑपरेशन थियेटर में रहना पड़ता है, जहां उन्हें बार-बार खून के लाल रंग का सामना करना पड़ता है। इससे उनकी आंखों पर दबाव पड़ता है, जिससे वे सर्जरी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। इसलिए, आंखों को आराम देने के लिए डॉक्टर हरे रंग का पहनावा चुनते हैं। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
विजुअल एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब सर्जन लाल रंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं और फिर सफेद सतह देखते हैं, तो उन्हें हरे रंग का भ्रम हो सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो, जब सर्जन मरीज के लाल ऊतकों को देखते हैं और फिर सफेद कोट या मास्क पर नजर डालते हैं, तो उन्हें हरे रंग का आभास हो सकता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे विजुअल इल्यूजन कहा जाता है। सफेद प्रकाश में इंद्रधनुष के सभी रंग होते हैं, और लाल रंग के प्रभाव से आंखों को सफेद सतह पर हरे रंग का संकेत मिलता है। इसलिए, जब डॉक्टर हरे या नीले कपड़े पहने होते हैं, तो उन्हें हरे रंग का भ्रम नहीं होता, जिससे उनकी दृष्टि पर कोई बाधा नहीं आती।
निष्कर्ष
अब आप समझ गए होंगे कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हरा लिबास क्यों पहनते हैं और इसके पीछे का कारण क्या है। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी।
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