फाइल फोटो
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत उधमपुर जिले में मंगलवार (7 अक्टूबर) को तीन संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इसके बाद सुरक्षाबलों ने एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। स्थानीय लोगों ने बसंतगढ़ क्षेत्र के धरनी टॉप में तीन हथियारबंद व्यक्तियों को देखा और इसकी जानकारी पुलिस को दी।
अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय निवासियों ने तीन संदिग्ध आतंकवादियों को देखा, जो हरे और काले रंग की जैकेट और ऊंची एड़ी के जूते पहने हुए थे। सूचना मिलने के बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर घने जंगल में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है ताकि आतंकवादी भाग न सकें।
घर-घर तलाशी का अभियान घर-घर तलाशी ले रहे सुरक्षाकर्मी
सुरक्षा बल घर-घर जाकर तलाशी ले रहे हैं और क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अभियान जारी है और संदिग्ध गतिविधियों की सभी खुफिया सूचनाओं की जांच की जा रही है।
राजौरी में मुठभेड़ आतंकियों ने सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़
इसी दिन जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बीरंथुब क्षेत्र में आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर अचानक गोलीबारी की। यह घटना कंडी थाना क्षेत्र में हुई। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी उस समय हुई जब स्थानीय पुलिस एसओजी ने संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया था।
सेना ने की इलाके की घेराबंदीआईजीपी ने बताया कि राजौरी के कांडी पुलिस थाने के बीरंथूब इलाके में आतंकवादियों और एसओजी टीम के बीच गोलीबारी हुई। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टुकड़ियां मौके पर पहुंच गईं और इलाके की घेराबंदी की। शाम करीब 7.20 बजे ढेरी खातूनी जंगल में आतंकवादियों और पुलिस दल के बीच हुई मुठभेड़ में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
तलाशी अभियान जारी संदिग्ध लोगों की सूचना पर तलाशी अभियान
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस के विशेष कार्य दल ने संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया था, उसी दौरान गोलीबारी हुई। पूरे क्षेत्र की कड़ी घेराबंदी कर दी गई है और तलाशी अभियान जारी है। पाकिस्तान लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में प्रशिक्षित आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहा है, जिनमें से कई को जंगलों की पूरी जानकारी है। ये आतंकवादी जंगली और पहाड़ी क्षेत्रों में छिपे रहते हैं, जिससे जवाबी कार्रवाई करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
रिपोर्ट/ अमित
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