धर्मस्थल: कर्नाटक के धर्मस्थल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति, जिसने 19 वर्षों तक मंदिर में सफाई कर्मचारी के रूप में काम किया, ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया है। उसने कहा कि उसने सैकड़ों लाशों को ठिकाने लगाया है, जिनमें अधिकतर महिलाएं और लड़कियां शामिल थीं, जिनका बलात्कार के बाद हत्या की गई थी। आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है।
3 जुलाई 2025 को धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने एक शिकायत दर्ज कराई, जिसने सबको चौंका दिया। उसने बताया कि वह 1995 से 2014 तक मंदिर प्रशासन के लिए काम करता रहा और उसे 1998 से 2014 के बीच सैकड़ों शवों को दफनाने या जलाने के लिए मजबूर किया गया। इनमें से अधिकांश शवों पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान थे।
भयावह घटनाओं का जिक्र
उसने अपनी शिकायत में कुछ भयावह घटनाओं का उल्लेख किया। उसने बताया कि 2010 में उसे एक 12-15 साल की लड़की का शव दफनाने के लिए कहा गया, जो स्कूल यूनिफॉर्म में थी लेकिन उसकी स्कर्ट और अंडर गारमेंट्स गायब थे। एक अन्य घटना में, एक 20 साल की युवती का शव जलाने का आदेश दिया गया, जिसका चेहरा तेजाब से जल गया था।
धमकियों का सामना
उसने अपनी शिकायत में कहा कि उसे बार-बार धमकियां दी जाती थीं। उसके सुपरवाइजर ने कहा, 'अगर तुमने मना किया तो तुम्हें भी इसी तरह दफना देंगे।' डर के मारे वह चुपचाप आदेश मानता रहा। लेकिन 2014 में जब उसकी बेटी के साथ यौन उत्पीड़न हुआ, तो वह धर्मस्थल छोड़कर भाग गया।
सच का सामना
16 साल बाद, 2025 में उसने हिम्मत जुटाई और वापस लौटकर पुलिस को अपनी शिकायत दी। उसने कुछ शवों की हड्डियों की तस्वीरें भी सौंपी। उसने कहा कि अगर इन शवों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार मिले तो उसके मन का बोझ कम होगा।
उसने यह भी कहा कि वह और भी दफन स्थानों की पहचान कर सकता है और अपराधियों के नाम बता सकता है, लेकिन उसे सुरक्षा की आवश्यकता है। उसने कहा कि कुछ अपराधी मंदिर प्रशासन से जुड़े प्रभावशाली लोग हैं।
धर्मस्थल मंदिर का प्रशासन
धर्मस्थल कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह मंदिर जैन समुदाय के पास है और इसके प्रशासक वीरेंद्र हेगड़े हैं। सफाई कर्मचारी ने कहा कि कुछ अपराधी मंदिर प्रशासन से जुड़े हैं और उनकी काफी पहुंच है।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
धर्मस्थल में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। 2012 में 17 साल की सौजन्या के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले की जांच में कई सवाल उठे हैं।
सफाई कर्मचारी की गवाही के बाद 4 जुलाई को पुलिस ने मामला दर्ज किया। 13 जुलाई को उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए पूरी तरह से ढककर मजिस्ट्रेट के सामने गवाही दी। कर्नाटक राज्य महिला आयोग की प्रमुख ने भी पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।
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