लंबे समय से मंदी की चपेट के बाद IT सेक्टर ने शानदार वापसी की है। महज नौ कारोबारी दिनों में इस सेक्टर की मार्केट वैल्यू ₹2.32 लाख करोड़ बढ़ी है। Nifty IT इंडेक्स 9 अप्रैल से अब तक 9% से ज्यादा बढ़ चुका है, जो पूरे बाजार के सभी सेक्टर से ज्यादा है। यह संकेत दे रहा है कि इस सेक्टर में एक सुधार हो सकता है।हालांकि, यह उछाल तब आया है जब अधिकांश IT स्टॉक्स अभी भी मंदी के दौर में हैं और मांग को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फिर भी, ग्लोबल ट्रेड टेंशन में कमी और अमेरिकी बाजारों में सुधार ने इस सेक्टर को ऊपर खींचा है। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच निवेशक IT स्टॉक्स को एक सुरक्षित ऑप्शन के रूप में देख रहे हैं। IT सेक्टर में यह तेजी स्ट्रॉग फंडामेंटल पर बेस्ड नहींअब सवाल यह उठता है कि क्या यह उछाल मजबूत आधार पर खड़ा है या फिर यह सिर्फ एक अस्थायी हलचल है जो इस अस्थिर बाजार में थोड़े समय के लिए हुई है? एक्सपर्ट इस तेजी को पूरी तरह से रिकवरी मानने में सतर्क हैं. आनंद राठी इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के IT रिसर्च एनालिस्ट सुषोवोन नायक ने कहा कि स्ट्रॉग परफॉर्मेंस के बावजूद यह उछाल मुख्य रूप से टेक्निकली और इमोशन ड्रिवेन लग रही है, ना कि स्ट्रॉग फंडामेंटल पर बेस्ड है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख IT कंपनियों के हाल के तिमाही नतीजे मिलेजुले है और कई कंपनियों ने सतर्क दिशा-निर्देश दिए हैं। गिरावट के बाद निवेश का ऑप्शन बना IT सेक्टरगियोजिट इन्वेस्टमेंट्स के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट साजी जॉन ने भी यही राय व्यक्त की और कहा कि मार्च तिमाही के नतीजों ने सतर्क दृष्टिकोण की पुष्टि की है, क्योंकि ज्यादातर बड़ी IT कंपनियों का परफार्मेंस मिलाजुला रहा। उन्होंने कहा- आने वाले कुछ समय में परफार्मेंस सुस्त रह सकता है क्योंकि अमेरिकी टैरिफ की अनिश्चितताएं और जियोपॉलिटिकल टेंशन बाजारों में विवेकपूर्ण खर्च पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि हाल की गिरावट के बाद IT एक अच्छा निवेश का ऑप्शन बन गया है क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टेंशन में कमी की उम्मीदों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जो वैश्विक बाजारों के ब्रॉडर ट्रेंड को दिखाता है। निकट भविष्य में चुनौतियों के बावजूद दोनों एक्सपर्ट्स ने इस सेक्टर में अट्रैक्टिव वैल्यूएशन और लंबी अवधि के अवसर की ओर इशारा किया है। Mphasis और Persistent जैसी मिड-कैप कंपनियों के शेयर 20% तक बढ़ेजॉन ने कहा कि बड़ी IT कंपनियों में पिछले साल सिग्निफिकेंट करेक्शन देखने को मिला है और अब वे अपने लंबे समय के एवरेज प्राइस के पास ट्रेड कर रही हैं, जिससे ये कंपनियां लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक बन गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि Q4 में अच्छे ऑर्डर फ्लो और FY26 में स्टेबल ग्रोथ की उम्मीद सुधार की उम्मीद पैदा करती है, जो कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन, वेंडर इंटीग्रेशन, AI और क्लाउड अपनाने की बढ़ती मांग से प्रेरित है। हाल की तेजी में Mphasis और Persistent जैसी मिड-कैप कंपनियों के शेयर 20% तक बढ़े हैं, जबकि Tech Mahindra और HCL Technologies जैसी प्रमुख कंपनियों में भी दोहरे अंक में बढ़ोतरी देखने को मिली है.यह सब तब हुआ है जब IT कंपनियों ने Q4FY25 के नतीजों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है, जो मुद्रास्फीति के दबाव और रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग और इंश्योरेंस जैसे प्रमुख सेक्टर में निर्णय लेने में देरी से प्रभावित थे। ₹2.32 लाख करोड़ की तेजी ने IT सेक्टर में जान फूंकीअब तक ₹2.32 लाख करोड़ की तेजी ने IT सेक्टर में जान फूंक दी है, लेकिन एक्सपर्ट सहमत हैं कि इसके लिए बाजार की भावना के साथ-साथ बुनियादी कारणों का भी मिलना जरूरी होगा। जैसे-जैसे ग्लोबल बाजार स्थिर होंगे और मांग की दिशा स्पष्ट होगी. (डिस्क्लेमर– ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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