आज के समय में निवेश के लिए बाजार में कई विकल्प मौजूद है। कई निवेशक ऐसे हैं जो निश्चित रिटर्न वाले और कम जोखिम वाले विकल्पों की तलाश में रहते हैं। ऐसे विकल्पों में सरकारी सेविंग स्कीम और फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे लोकप्रिय हैं? लेकिन सवाल यह उठता है कि इन दोनों विकल्पों में से बेहतर कौन सा है? तो चलिए इन दोनों विकल्पों के अंतर को विस्तार से समझते हैं। ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्य और निवेश की क्षमता के अनुसार सही निर्णय ले सकें। सरकारी बचत योजनाएं क्या है?भारत सरकार के द्वारा कई निवेश योजनाएं चलाई जा रही हैं। आपकी निवेशकों को सुरक्षित और लॉन्ग टर्म बचत के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। क्योंकि ये सरकारी योजनाएं होती है इसलिए ये जोखिम मुक्त और रिटर्न की गारंटी वाली होती हैं। कुछ प्रमुख सरकारी बचत योजनाएं -1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), 2. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), 3. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) 4. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), 5. महिला सम्मान बचत पत्र (MSSC), 6. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (TD)। सरकारी बचत योजनाओं के लाभ 1. सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है। 2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सुकन्या समृद्धि योजना और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसे योजनाओं में आयकर विभाग की धारा सीसी के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। 3. इन योजनाओं की ब्याज दरें सरकार द्वारा तिमाही आधार पर निर्धारित की जाती है जिन पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का प्रभाव नहीं होता। 4. लॉन्ग टर्म निवेश के लक्ष्य जैसे शिक्षा, विवाह, या रिटायरमेंट आदि के लिए ये बेहतर हैं। सरकारी बचत योजनाओं के नुकसान 1. सरकारी बचत योजनाएं जैसे पीएफ और एनएससी में लॉक इन अवधि लंबी होती है, जो सामान्यत 5 से 15 साल के बीच की हो सकती है। 2. इन योजनाओं में ब्याज दरें आमतौर पर 6.8% से लेकर 8.2% के बीच में रहती है जो महंगाई दर को हरा नहीं पाती। 3. कुछ सरकारी योजनाओं में निवेश के लिए न्यूनतम और अधिकतम निवेश की सीमा होती है। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?फिक्स्ड डिपॉजिट किसी वित्तीय संस्थान जैसे बैंक या एनबीएफसी द्वारा किया जाने वाला निवेश का विकल्प है। जिसमें एक बार में राशि जमा की जाती है और इस विकल्प में पूर्व निर्धारित ब्याज दरों पर रिटर्न मिलता है। फिक्स्ड डिपॉजिट के लाभ 1. ग्राहकों को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए एफडी करने की सुविधा मिलती है। 2. इसमें पहले से तय ब्याज दरों के अनुरूप रिटर्न मिलता है यानी निवेशकों को यह पता होता है कि उन्हें मैच्योरिटी पर कितना रुपया मिलेगा। 3. बैंक और एनबीएफसी में जमा राशि 5 लाख रुपये तक बीमित होती है। 4. इस विकल्प में सीनियर सिटीजंस को 0.25% से लेकर 0.50% तक अधिक ब्याज मिलता है। 5. कुछ दंड शुल्क के साथ आप समय से पहले एचडी तुड़वा सकते हैं। एफडी के नुकसान1. एफडी से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है, जिससे रिटर्न कम हो सकता है। 2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की एफडी में थोड़ा जोखिम हो सकता है। 3. यदि ब्याज दरें मुद्रास्फीति से कम है तो वास्तविक मिलने वाला रिटर्न नकारात्मक भी हो सकता है। सरकारी बचत योजना या फिक्स्ड डिपॉजिट दोनों में से कौन सा विकल्प है बेहतर?कब सरकारी बचत योजनाओं का चुनाव करना चाहिए -1. लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं जैसे बच्चों की शिक्षा विभाग या रिटायरमेंट के लिए।2. आप टेक्स्ट छूट को प्राथमिकता देते हैं, सरकारी बचत योजनाओं में निवेश किया जा सकता है। 3. यदि आप 100% जो की मुख्य निवेश चाहते हैं तो यह विकल्प बेहतर है। 4. यदि आपकी आय स्थिर है और लंबी लॉक-इन अवधि के लिए तैयार हैं।फिक्स्ड डिपॉजिट का विकल्प कब चुने?1. यदि आप छोटी, मध्यम अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो फिक्स डिपाजिट बेहतर है। 2. यदि आपको समय-समय पर लिक्विडिटी की आवश्यकता होती है तो भी आप फिक्स डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। 3. यदि आप वरिष्ठ नागरिक है तो आपको फिक्स डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। 4. यदि आपके पास बड़ी राशि है और आप उसे सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपके पास 2,00,000 रुपये और आप उसे दो-तीन साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो बैंक एफडी में निवेश करना बेहतर विकल्प होगा।
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