नई दिल्ली: पिछले काफी समय से जेनसोल इंजीनियरिंग लगातार चर्चा में बना हुआ है, जिसके पीछे कई कारण है. इस आर्टिकल में आपको सारे कारण बताएंगे लेकिन सबसे पहले बात जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर की. जेनसोल इंजीनियरिंग का शेयर करीब 92 % गिर चुका है. एक साल पहले जिस स्टॉक का भाव 1,124.90 रुपये प्रति शेयर था, अब वो 80 रुपये प्रति शेयर हो गया है. कंपनी से जुड़ी कुछ ऐसी खबरें सामने आईं है जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है.Gensol Engineering के स्टॉक में इतनी गिरावट देखने को क्यों मिल रही है इसके पीछे की वजह क्या है आइयें जानते है.SEBI ने कंपनी के प्रोमोटर यानी अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी दोनों पर फंड डायवर्शन (फंड के गलत इस्तेमाल) और रिकॉर्ड में गड़बड़ी का आरोप लगा है. जांच में पता चला है कि कंपनी ने 6,400 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) खरीदने के नाम पर ₹975 करोड़ का लोन लिया था. लेकिन असल में केवल 4,704 गाड़ियां ही खरीदी गईं जिसमें करीब ₹567.73 करोड़ खर्च हुआ. ऐसे में करीब ₹200 करोड़ का घोटाला दिख रहा है, जिसके लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक्शन लिया है. Gensol Engineering के शेयर में क्यों आ रही है गिरावटरिपोर्टस के मुताबिक,जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी ने इरेडा और पावर फाइनेंस कंपनी से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदने के नाम पर 978 करोड़ रुपये का लोन लिया था. कंपनी को ब्लूस्मार्ट के लिए 6,400 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदनी थीं, लेकिन केवल 4,704 गाड़ियां ही खरीदी गईं. जिसके बाद SEBI ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जेनसोल के प्रमोटर्स ने कंपनी के लिए गए लोन के पैसे को गलत तरीके से इस्तेमाल किया है. जानकारी के अनुसार, कंपनी ने लेंडर्स को गुमराह करने के लिए नकली डॉक्युमेंट्स जमा किए थे.IREDA ने 24 अप्रैल 2025 को EoW में शिकायत की और बोला कि Gensol Engineering ने नकली डॉक्युमेंट्स जमा किए है और इसके प्रमोटरों ने बिना अनुमति के अपनी हिस्सेदारी कम की.वहीं PFC का कहना है कि उसने Gensol Engineering को 6,000 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए जनवरी 2023 में ₹633 करोड़ मंजूर किए थे, जिसमें से ₹352 करोड़ का पेमेंट किया गया. इसके बाद 18 अप्रैल 2025 को ₹45 करोड़ चुकाए गए. अभी भी ₹307 करोड़ बकाया हैं. इसके साथ ही PFC ने भी नकली डॉक्युमेंट्स और फंड डायवर्जन के आरोप में EoW में शिकायत की है.बताया जाता है प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने लगभग 262 करोड़ रुपये अपने निजी लग्जरी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए खर्च किया. जिसे लेकर सेबी ने अपने आदेश में कहा कि प्रमोटर्स ने कंपनी के निवेशकों और बाजार नियामक को गुमराह करने की कोशिश की है. इसे अलावा सेबी ने प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को शेयर बाजार में कारोबार करने, Gensol Engineering या किसी अन्य पब्लिक कंपनी में डायरेक्टर पद संभालने से रोक दिया.मार्केट रेगुलेटर कंपनी सेबी ने कंपनी के स्टॉक स्प्लिट को भी रोक दिया गया और फोरेंसिक ऑडिट का भी आदेश जारी हुआ. जिससे निवेशकों के बीच भरोसा टूटने लगा.
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कंपनी की एक चूक और 1100 रुपए का शेयर सीधे 81 रुपए, जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर में 92% गिरावट, देखें क्या है वजह
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