नेपाल में 8 सितंबर से चल रहे हिंसक आंदोलन में 4 हज़ार से ज़्यादा राजस्थानी फंसे हुए हैं। इन लोगों ने सरकार से मदद भी माँगी है। इनमें ज़्यादातर पर्यटक हैं। इनमें 700 लोग जयपुर और 35 पर्यटक उदयपुर ज़िले के हैं। पूर्व पार्षद अनिल सिंघल का परिवार भी इसमें शामिल है। जो नेपाल के पोखरा शहर के एक होटल में फँसे हुए हैं।
पोखरा शहर में फँसे
अनिल सिंघल ने बताया कि वह काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर पोखरा शहर में फँसे हुए हैं। वह और उनका परिवार 5 सितंबर को पशुपतिनाथ जी के दर्शन के लिए उदयपुर से काठमांडू गए थे। 12 सितंबर को उनकी काठमांडू से दिल्ली के लिए वापसी की फ़्लाइट थी। लेकिन हिंसा भड़कने के बाद सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। जिसके कारण वह वहीं फँसे हुए हैं।
उदयपुर के भी लगभग 31 लोग फँसे हुए हैं
उधर, उनके परिवार वाले लगातार उन्हें फ़ोन करके उनका हालचाल पूछ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम होटल में सुरक्षित हैं। मेरे साथ मेरे परिवार के चार सदस्य हैं। इसके अलावा, उदयपुर के करीब 31 लोग भी यहीं फंसे हुए हैं। दो दिन पहले नेपाल की राजधानी काठमांडू में हालात बेहद खराब थे। सरकारी इमारतों में आग लगाई जा रही थी और अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात इतने गंभीर हैं कि कई नेताओं को देश छोड़ना पड़ा है।
भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में
अनिल सिंघल ने आगे बताया कि वह और उनका परिवार सुरक्षित हैं, लेकिन जिस इलाके में उनका होटल है, उसके आसपास हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं। वह लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। जहां से उन्हें होटल में सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं। दूतावास सूत्रों के अनुसार, हालात सामान्य होते ही सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था की जाएगी। उम्मीद है कि बुधवार तक निकासी अभियान शुरू कर दिया जाएगा। फिलहाल, सेना के मोर्चा संभालने के बाद स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस, दमकल और प्रशासन के अन्य लोग मैदान छोड़कर भाग गए हैं।
सीएम भजनलाल ने जताई थी चिंता
बता दें कि आज यानी बुधवार को सीएम भजनलाल ने नेपाल हिंसा में फंसे राजस्थानी नागरिकों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने वहां फंसे लोगों से भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने को कहा और दूतावास द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों की भी जानकारी दी।