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नरेश मीणा कोर्ट में पेश! नई जज के जॉइन न करने से टली बहस, अब जमानत पर इस दिन होगी पेशी

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पिछले वर्ष देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन बलवा, आगजनी व एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना सोमवार को एससी, एसटी कोर्ट में पेश हुए, लेकिन कुछ दिन पूर्व न्यायाधीश के स्थानांतरण के बाद नए न्यायाधीश के ज्वाइन नहीं करने से चार्ज बहस नहीं हो पाई और न ही चार्ज बहस के आदेश मिल पाए। न्यायाधीश के अभाव में कोर्ट ने इस मामले में चार्ज बहस आदि के लिए 5 मई की तिथि दी है। 

पिछले दिनों नरेश मीना के वकील ने प्रार्थना पत्र लगाकर इस मामले को एससी, एसटी कोर्ट में स्थानांतरित करवा लिया था। जहां 19 अप्रैल को केस संख्या 166, 167 के आरोपों पर चार्ज बहस होनी थी। इस दिन वकीलों की हड़ताल होने से इस मामले में बहस नहीं हो पाई। चार्ज बहस पर सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तिथि दी गई। 23 अप्रैल को केस संख्या 166 पर चार्ज बहस पूरी हो गई, लेकिन इसके आदेश नहीं मिले। केस नंबर 167 पर चार्ज बहस होनी थी।

कोर्ट ने दोनों के लिए 28 अप्रैल की तारीख दी थी। ऐसे में बूंदी जेल में बंद नरेश मीना को आज पुलिस सुरक्षा में एससी, एसटी कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कुछ दिन पहले जज का तबादला होने के कारण इस मामले में बहस नहीं हुई और 23 तारीख को एक केस में चार्ज बहस के आदेश नहीं दिए गए। कोर्ट ने इस मामले में बहस के लिए 5 मई की तारीख दी है। इस दौरान नरेश मीना की ओर से जयपुर हाईकोर्ट के वकील फतेह सिंह मीना सहित सरपंच आरडी गुर्जर आदि मौजूद रहे। नरेश को देखने के लिए उमड़े समर्थक नरेश मीना को कोर्ट में पेश करने की सूचना मिलने के बाद उनके समर्थक उन्हें देखने के लिए टोंक कोर्ट परिसर में आ गए। जैसे ही नरेश मीना को कोर्ट ले जाया जाने लगा तो उनके समर्थकों ने उन्हें नेता कहकर पुकारा। 

कुछ समर्थकों ने उन्हें आई लव नरेश मीना, आई लव बॉस कहकर पुकारा। नरेश मीना ने भी उनकी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए। ज्ञातव्य है कि 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने अपने गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना भी ग्रामीणों की मांगों को जायज बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए थे। मतदान के बहिष्कार के बावजूद नरेश मीना ने तीन लोगों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाते हुए एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। अगले दिन 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीना को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। फिर 15 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया था। इस मामले में पहले उनियारा और टोंक डीजे कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जहां से जमानत खारिज हो चुकी है।

एफआईआर संख्या 167 में होगी चार्ज बहस
पिछले साल 13 नवंबर को समरावता में आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना के खिलाफ नगरफोर्ट थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 167/24 भी दर्ज कर ली है। इसमें कोर्ट में चार्ज बहस होनी है। एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीना के खिलाफ नगरफोर्ट थाने में एफआईआर नंबर 166/24 दर्ज है। इसमें चार्ज बहस पूरी हो चुकी है। चार्ज बहस का मतलब पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए चालान में लगाए गए आरोपों के खिलाफ कोर्ट में अपील करना और बहस करना है।

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