राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने सोमवार को अलवर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने जीएसटी, विदेश नीति और अलवर में जल संकट जैसे मुद्दों पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने अलवर सरस डेयरी चुनाव की भी आलोचना करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अपने निजी सहायक को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।
जूली ने पहले केंद्र सरकार की जीएसटी नीति पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जीएसटी को सही ठहराया था, लेकिन अब जनता को राहत देने की बातें हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आठ साल तक सरकार ने जनता से अवैध जीएसटी के रूप में हजारों करोड़ रुपये वसूले और अब राहत देने के नाम पर वाहवाही बटोरने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा ऐसा दिखाने की कोशिश कर रही है जैसे कांग्रेस ने जीएसटी लगाया और उन्होंने उसे हटा दिया। हकीकत यह है कि आठ साल तक जनता की जेब पर बोझ डालने के बाद अब जीएसटी की दरें कम की जा रही हैं। सरकार को इन वर्षों में की गई अनुचित वसूली के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। जूली ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने शुरुआत में जीएसटी स्लैब प्रणाली की आलोचना करते हुए इसे अन्यायपूर्ण बताया था, जिसे अब केंद्र सरकार को स्वीकार करना पड़ा है।
विदेश नीति पर सरकार घिरी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूली ने विदेश नीति को लेकर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा पर भारी शुल्क लगाने का मुद्दा उठाया। जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की "दोस्ती" से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को अब अमेरिका में भारतीय कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए लगभग ₹88 लाख का शुल्क देना होगा। इससे भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा। यह सरकार की कूटनीति की विफलता है।
जूली ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साथ भारत की नीतियाँ भी विफल रही हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और हमारे सैनिकों पर हमला किया है, फिर भी सरकार अब उससे बातचीत कर रही है। यह कैसी विदेश नीति है? न तो विदेश मंत्री और न ही प्रधानमंत्री कुछ कह रहे हैं।
जूली ने अलवर के जल संकट पर बात की
अलवर के सिलीसेढ़ से बोरिंग के ज़रिए पानी लाने की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए जूली ने कहा कि यह कोई स्थायी समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि जल संकट का एकमात्र दीर्घकालिक समाधान ईआरसीपी ही है। जूली ने कहा कि भाजपा सरकार को इस परियोजना पर गंभीरता से काम करना चाहिए ताकि पूर्वी राजस्थान के जिलों को स्थायी पेयजल मिल सके। नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार से झूठे दावों से जनता को गुमराह न करने का आग्रह किया।
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