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राजस्थान विधानसभा में कैमरे पर बवाल! महिला विधायकों ने उठाए सवाल, बोलीं - 'सुनी जा रही हमारी निजी बातें', देखे वीडियो

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राजस्थान विधानसभा में सीसीटीवी कैमरों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सोमवार को कांग्रेस की महिला विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर निजता के हनन का गंभीर आरोप लगाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनूपगढ़ विधायक शिमला नायक और भोपालगढ़ विधायक गीता बरवाड़ ने अपने विचार रखे। दोनों विधायकों ने विधानसभा में लगाए गए अतिरिक्त कैमरों की आवश्यकता और उपयोग पर सवाल उठाए, साथ ही उनके नियंत्रण और रिकॉर्डिंग की पारदर्शिता पर भी जवाब मांगा।


विधायक ने पूछा- अतिरिक्त कैमरे क्यों लगाए?

विधायक शिमला नायक ने कहा कि विधानसभा में पहले से ही नौ कैमरे कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के लिए पर्याप्त हैं, फिर दो अतिरिक्त कैमरे क्यों लगाए गए? उन्होंने सवाल किया कि इन कैमरों का नियंत्रण किसके पास है? रिकॉर्डिंग कौन करता है और किसकी अनुमति से लगाए गए हैं? उन्होंने मांग की कि अगर ये कैमरे सदन की कार्यवाही के लिए हैं, तो इनकी रिकॉर्डिंग दिखाई जानी चाहिए।

शिमला नायक ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर भी निशाना साधा और कहा कि वह महिला शिक्षकों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इन कैमरों की रिकॉर्डिंग में यह सब दिखाई नहीं देता? हमें वह हार्ड डिस्क दिखाई जानी चाहिए। उन्होंने विधायक गोपाल शर्मा की भाषा पर भी आपत्ति जताई, जिन्होंने विधानसभा में विपक्ष के धरने को 'कुकर्म' बताया।

शिमला नायक ने कहा, क्या भाई-बहनों की तरह बैठकर बात करना कुकर्म है? क्या हमारी निजी बातचीत पर नज़र रखी जा रही है? इन कैमरों तक किसकी पहुँच है? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के नेतृत्व में इस मुद्दे पर संघर्ष जारी रखेंगी।

अतिरिक्त कैमरों की ज़रूरत नहीं थी - बरवाड़

इस बीच, विधायक गीता बरवाड़ ने कहा कि अतिरिक्त कैमरों की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि नौ कैमरों की लाइव रिकॉर्डिंग पहले से ही उपलब्ध है। उन्होंने सवाल उठाया कि इन दो अतिरिक्त कैमरों की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है और इसकी पहुँच अध्यक्ष के विश्राम कक्ष और सत्ताधारी दल के मंत्रियों के कक्ष तक क्यों है? बरवाड़ ने कहा कि ये कैमरे ठीक उन सीटों के ऊपर लगे हैं जहाँ कांग्रेस की चार महिला विधायक बैठती हैं।

इसे निजता का हनन बताते हुए उन्होंने कहा कि इन कैमरों की रिकॉर्डिंग से हमारी निजी बातचीत सुनी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिना अनुमति रिकॉर्डिंग को निजता का हनन माना है। बरवाड़ ने कहा कि ये कैमरे इतने शक्तिशाली हैं कि पेन गिरने की आवाज़ भी रिकॉर्ड हो सकती है।उन्होंने चिंता जताई कि जब राज्य के अस्पतालों और स्कूलों में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो विधानसभा जैसी प्रतिष्ठित जगह पर भी उनकी निजता खतरे में है। उन्होंने कहा कि जब तक ये कैमरे नहीं हटाए जाते, हम झुकेंगे नहीं और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

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