पंजाब में बाढ़ ने राज्य को मुश्किल में डाल दिया है। राजस्थान में अतिवृष्टि ने किसानों की फसलों को तबाह कर दिया है। इधर, राज्य भर में लगातार हो रही भारी बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खरीफ की फसलें इस समय खेतों में पकने के लिए तैयार थीं, लेकिन अतिवृष्टि ने उन्हें तबाह कर दिया। 'राजस्थान पत्रिका' की पड़ताल में पता चला है कि 22 जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इनमें से लगभग 15 जिलों में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। कई जिलों में खेत तालाब जैसे दिख रहे हैं तो कहीं फसलें सड़ गई हैं।
राज्य सरकार ने शुरू की गिरदावरी
राज्य के किसानों की मानें तो कई इलाकों में 70 से 90 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने गिरदावरी शुरू कर दी है ताकि नुकसान का सही आकलन किया जा सके। उधर, राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की जल्द गिरदावरी करवाने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग उठाई गई है। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने भी कहा है कि जल्द ही गिरदावरी करवाई जाएगी।
बारिश से दलहन और तिलहन को सबसे ज़्यादा नुकसान
इस बार खरीफ सीजन में राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन, बाजरा, मक्का, तिल और धान जैसी प्रमुख फसलें बोई गई थीं, लेकिन बारिश ने दलहन और तिलहन को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुँचाया है। कई जगहों पर मूंग और उड़द खेतों में ही सड़ गए हैं। सोयाबीन और बाजरा की हालत भी ठीक नहीं है। धान ही एकमात्र फसल बची दिख रही है, लेकिन कई इलाकों में जलभराव से नुकसान की आशंका बढ़ गई है। कम उत्पादन का असर सीधे तौर पर बाज़ार पर पड़ेगा। मूंग और उड़द के उत्पादन में बड़ी गिरावट के कारण दालें महंगी हो जाएँगी। सोयाबीन के खराब होने से तेल और चारे के दाम बढ़ सकते हैं।
सब कुछ बर्बाद हो गया...
बारिश के कारण खेत में कुछ नहीं बचा, सब कुछ बर्बाद हो गया। मैंने बुवाई के लिए 60 रुपये प्रति किलो की दर से बीस हज़ार रुपये के बीज लाए थे, सब पानी में मिल गए। पूरी फसल बर्बाद हो गई है। पता नहीं आगे का खर्च कैसे चलेगा। सरकार को वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भेजकर उनकी मौजूदगी में नुकसान की रिपोर्ट तैयार करवानी चाहिए।
घर चलाना मुश्किल हो रहा है...
5 बीघा में मिर्च और बाजरा बोया था। भारी बारिश के कारण फसल बर्बाद हो गई है। इससे घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। अब सरकार से कुछ मदद मिलने की उम्मीद है। सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। नुकसान का जल्द से जल्द आकलन किया जाना चाहिए।
रामोतार गुर्जर, छान सवाई माधोपुर
जिले - फसलें
सवाईमाधोपुर - उड़द, तिल, सोयाबीन एवं बाजरा
करौली - बाजरा, तिल, उड़द एवं ग्वार
टोंक - बाजरा, उड़द, ज्वार, मक्का, मूँगफली, मूंग, तिल
झालावाड़ - सोयाबीन, मक्का और मूंगफली
भीलवाड़ा - मक्का, मूँगफली, उड़द एवं ज्वार
नागौर - ग्वार, बाजरा और मूंगफली
हनुमानगढ़ - कपास, मूंगफली, मूंग
चूरू - ग्वार एवं बाजरा
दौसा - बाजरा और तिल
बहरोड़ - बाजरा और तिल
बूंदी - धान, सोयाबीन
भरतपुर- बाजरा एवं ज्वार
झुंझुनू - मूंग, चना, बाजरा
सीकर - मूंग, ग्वार, मूंगफली
जयपुर- मूंग, उड़द, सब्जियां
बारां - सोयाबीन, उड़द, मक्का
कोटा - सोयाबीन, मक्का, उड़द
खैरथल-तिजारा - कपास, सब्जियाँ, दालें
अजमेर - मूंग, उड़द, बाजरा, मक्का, ग्वार
पाली - मूंग, उड़द और तिल, मक्का, मूंगफली
डूंगरपुर - सोयाबीन, मक्का, उड़द, धान
जालौर - ग्वार, मक्का, मूंग, ज्वार, बाजरा, अरंडी, तिल।
You may also like
Bhajanlal ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के बिल को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- उन्हें यह अंदेशा था कि…
अपराजिता के पुष्प : केवल 'मां' को ही नहीं भाता, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद गुणकारी
Apple का कमाल! 5.6mm मोटा iPhone 17 Air लॉन्च, जानें भारत में कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
50MP कैमरा और 120Hz डिस्प्ले वाला Samsung Galaxy S25 FE जानें क्या होगा खास
Pitru Paksha 2025: नहीं जा सकते हैं गया तो फिर इन जगहों पर भी कर सकते हैं अपने पूर्वजों का श्राद्ध