रांची, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने सांसद के बयान को पूरी तरह संविधान विरोधी बताते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी लोकतंत्र के मूल स्तंभ पर सीधा हमला है। उन्होंने न केवल न्यायपालिका का अपमान किया है, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं को डराने-धमकाने की कोशिश की है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भले उनके इस बयान से औपचारिक रूप से किनारा कर लिया है, लेकिन वस्तुतः यह भाजपा नेतृत्व के इशारे पर दिया गया बयान है। अगर ऐसा नहीं है तो भाजपा अपने बड़बोले सांसद की सांसदी तत्काल खत्म करे। प्रधानमंत्री और भाजपा नेता देश से माफी मांगें, तभी माना जा सकता है कि भाजपा निशिकांत दुबे के बयान से सहमत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि बगैर नेतृत्व की सहमति के सांसद इस तरह का वक्तव्य नहीं दे सकते। यह भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। वह विद्वेष फैलाकर देश को अराजकता की ओर धकेलने की साजिश कर रही है।
यादव ने संविधान के अनुच्छेद 13 का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के पास यह शक्ति है कि संविधान की मूल भावना के विपरीत कोई कानून बनेगा, तो वह उसकी समीक्षा कर सकती है। इस तरह के मामले में वर्ष 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में 13 जजों की पीठ ने फैसला दिया था, जो अपने आप में एक नजीर है। निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अधिकार पर उंगली उठाना, उनके बड़बोलेपन और अल्पज्ञान का परिचायक है।
प्रदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस संविधान, लोकतंत्र, लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में भी दुबे की ओर से की गई टिप्पणी न्यायालय की अवमानना है। यह क्रिमिनल रिट का मामला बनता है। जरूरत पड़ी, तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के विधायक सुरेश बैठा, वरिष्ठ नेता अनादि ब्रह्म, झारखंड मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा सहित कई अन्य नेता उपस्थित रहे।
--आईएएनएस
एसएनसी/एकेजे
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