नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग की ओर से पंचायत चुनाव के लिए जारी वोटर लिस्ट के सम्बन्ध में पूर्व में जिलाधिकारी देहरादून की ओर से गठित जांच कमेटी को निर्देशित किया है। कहा गया है कि वह छह सप्ताह के भीतर वोटर लिस्ट की जांच कर चुनाव आयोग को दे ताकि इस पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके।
हाईकोर्ट ने वोटर लिस्ट को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए यह निर्देश दिए। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी महिपाल सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून की ग्राम सभा सतेली नाइकला में केवल दो परिवार निवास करते हैं लेकिन ग्राम सभा की वोटिंग लिस्ट में अवैधानिक रूप से 122 मतदाता दर्शाये गए हैं। याचिका में कहा कि ग्राम सभा सतेली नाइकला की वोटर लिस्ट में अन्य गांव मे रहने वालों के नाम जोड़े गए हैं, जो दूसरी जगहों पर भी वोटर हैं। याचिकाकर्ता व समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से जिलाधिकारी देहरादून को 17 मार्च 2025 को ज्ञापन देकर पंचायत चुनावों की वोटर लिस्ट की जांच कराने की मांग की थी, जिस पर उन्होंने 03 अप्रैल 2025 को तहसीलदार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से जनसंख्या के आधार पर ग्राम विकास योजनाओं में जो धनराशि दी जाती है उसका भी दुरूपयोग है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यदि पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई और इस प्रकार के दोहरे वोटरों को नहीं हटाया गया तो इससे चुनाव प्रभावित होंगे।